१
आया सावन
नदी नाले जवान
केंचुए उगे |
२
भरी जवानी
सावन बरसता
पिया से दुरी |
३
नदी का शोर
मुरली मनोहर
झूमता मोर |
४
श्याम जलध
नदियाँ उफनती
धरा गगन |
५
साजन दूर
पहला ये सावन
मैं मजबूर |
६
भोर मंदम
रोता दिवस आया
सांझ कीचड़ |
७
धरा नहाये
रोम है हरियाये
जख्म भी खाये|
८
निर्झर शोर
मास काला बेदर्द
हिये न जोर |
९
बाल खेला
जवानी खूब सोया
जीवन खोया |
१०
डडु संगीत
रिमझिम है ताल
नाचे बाल |
आया सावन
नदी नाले जवान
केंचुए उगे |
२
भरी जवानी
सावन बरसता
पिया से दुरी |
३
नदी का शोर
मुरली मनोहर
झूमता मोर |
४
श्याम जलध
नदियाँ उफनती
धरा गगन |
५
साजन दूर
पहला ये सावन
मैं मजबूर |
६
भोर मंदम
रोता दिवस आया
सांझ कीचड़ |
७
धरा नहाये
रोम है हरियाये
जख्म भी खाये|
८
निर्झर शोर
मास काला बेदर्द
हिये न जोर |
९
बाल खेला
जवानी खूब सोया
जीवन खोया |
१०
डडु संगीत
रिमझिम है ताल
नाचे बाल |
सुन्दर हाईकू!!
जवाब देंहटाएंआलोक जी, कुमर छोटा ही होता है। मगर घुसता अन्दर को ही है। कुमर काँडा/अनंत रा हाईकू/सारे हाँडा आलोक जी, कुमर छोटा ही होता है। मगर घुसता अन्दर को ही है। कुमर काँडा/अनंत रा हाईकू/सारे हाँडा
जवाब देंहटाएंvery nice vashith ji you are genious,hod kar pay.
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर शब्दों का संयोजन,बहुत ही अच्छी हाइकू |
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