रविवार, 13 मई 2012

माँ 


माँ 
सिर्फ माँ होती है 
नहीं होती छोटी या बड़ी 
पहले की या बाद की 
माँ , बूढ़ी या जवां भी नहीं होती 
माँ  स्वस्थ या बीमार नहीं होती
नई या पुरानी नहीं होती माँ |
माँ  
इंसान या शैतान नहीं होती 
नहीं होती वो पशु या पक्षी
माँ  होना केवल
पिता की पत्नी होना
नहीं है 
माँ होना केवल और केवल 
माँ होना है 
माँ होना जन्म देना  नहीं है 
माँ होना केवल फीड करना भी नहीं 
माँ  बोध है 
एक  अध्यात्मित एहसास है 
माँ केवल कविता या कहानी नहीं 
माँ उपन्यास भी नहीं 
हाइकु या मुक्तक , दोहा ,रुबाई 
या चौपाई तो कतई भी नहीं 

माँ  सां है, माँ जां है , माँ जहाँ  है
माँ  यहाँ है , वहां है माँ
माँ केवल  माँ है .........


अनंत आलोक





 

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