गौरी तेरी छवि है
विद्या की तू है देवी
ए हंस वाहिनी मां
पूजा करूँ मैं तेरी
जिस पर हो राज तेरा
पढ़ना हमें सिखा दो
लिखना हमें बता दो
विद्या का दान दे माँ
जीवन सफल बना दो
ग्रंथों में तू लिखी है
पुराणों में तू छिपी है
जिस ओर देखता हूँ
मुझे तू ही तू दिखी है
मीकी को तुने तारा
तुलसी भी तेरा प्यारा
ये रविन्द्र मीरा बाई
मुंशी भी था तुम्हारा
कहता आलोक तेरा
सब को है तुने तारा
अपनी शरण में लेकर
उद्हार कर हमारा
विद्या की तू है देवी
ए हंस वाहिनी मां
पूजा करूँ मैं तेरी
आ जा तू मेरे दिल में
दिल पर विराज हो जा
छोटा सा दिल है मेराजिस पर हो राज तेरा
पढ़ना हमें सिखा दो
लिखना हमें बता दो
विद्या का दान दे माँ
जीवन सफल बना दो
ग्रंथों में तू लिखी है
पुराणों में तू छिपी है
जिस ओर देखता हूँ
मुझे तू ही तू दिखी है
मीकी को तुने तारा
तुलसी भी तेरा प्यारा
ये रविन्द्र मीरा बाई
मुंशी भी था तुम्हारा
कहता आलोक तेरा
सब को है तुने तारा
अपनी शरण में लेकर
उद्हार कर हमारा
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